भारत में योग्य शिक्षकों की कमी: वित्तीय कारणों के कारण अच्छे शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में नहीं आते
नई दिल्ली| "भारतीय शिक्षा प्रणाली बुरी नहीं है, बल्कि समस्या योग्य शिक्षकों की कमी है। शिक्षण के जुनून या वित्तीय कारणों के बिना अच्छे शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में नहीं आते हैं।" यह कहना है ऑर्ट ऑफ लिविंग के एक वरिष्ठ संकाय सदस्य खुर्शीद बाटलीवाला का।खुर्शीद बाटलीवाला ने दिनेश घोडके के साथ मिलकर 'रेडी स्टडी गो' नामक किताब लिखी है, जो छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और अपने पाठ्यक्रमों के प्रति रुझान पैदा करने का रास्ता बताती है।बाटलीवाला ऑर्ट ऑफ लीविंग से 25 सालों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, "स्कूलों और कॉलेजों में 100 फीसदी अंक पाने वाले लोगों में से भी ज्यादातर को कोई ज्ञान नहीं होता। वह बुनियादी तौर पर कुछ नहीं जानते। हर तर्क के पीछे एक कारण होता है, लेकिन खुद ही कम ज्ञान रखने वाले शिक्षक सीखने का जुनून पैदा करने में असमर्थ होते हैं। इसके बजाय वे केवल अच्छा ग्रेड लाने पर ही जोर देते हैं। शिक्षकों को स्कूली पाठ्यक्रम सिखाने के मामले में नए तरीके आजमाने चाहिए।
नई दिल्ली| "भारतीय शिक्षा प्रणाली बुरी नहीं है, बल्कि समस्या योग्य शिक्षकों की कमी है। शिक्षण के जुनून या वित्तीय कारणों के बिना अच्छे शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में नहीं आते हैं।" यह कहना है ऑर्ट ऑफ लिविंग के एक वरिष्ठ संकाय सदस्य खुर्शीद बाटलीवाला का।खुर्शीद बाटलीवाला ने दिनेश घोडके के साथ मिलकर 'रेडी स्टडी गो' नामक किताब लिखी है, जो छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने और अपने पाठ्यक्रमों के प्रति रुझान पैदा करने का रास्ता बताती है।बाटलीवाला ऑर्ट ऑफ लीविंग से 25 सालों से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, "स्कूलों और कॉलेजों में 100 फीसदी अंक पाने वाले लोगों में से भी ज्यादातर को कोई ज्ञान नहीं होता। वह बुनियादी तौर पर कुछ नहीं जानते। हर तर्क के पीछे एक कारण होता है, लेकिन खुद ही कम ज्ञान रखने वाले शिक्षक सीखने का जुनून पैदा करने में असमर्थ होते हैं। इसके बजाय वे केवल अच्छा ग्रेड लाने पर ही जोर देते हैं। शिक्षकों को स्कूली पाठ्यक्रम सिखाने के मामले में नए तरीके आजमाने चाहिए।